यज्ञ-यागादि- भगवान की कृपा प्राप्ति तथा मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यज्ञ-यागादि (1कुण्डी, 5कुण्डी, 9कुण्डी, 11कुण्डी, 51कुण्डी, 101कुण्डी आदि) जैसे- गणेश यज्ञ, देवी यज्ञ, विष्णु यज्ञ, राम यज्ञ, मारुति (हनुमान) यज्ञ आदि किये जाते है। मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा-नयी लाई गई मूर्ति की स्थापना तथा किसी पुराने मन्दिर के जीर्णोद्धार करने पर पुनः मूर्ति स्थापना करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा कर्म किया जाता है। देवी अनुष्ठान (दुर्गा पाठ)-माँ भगवती की कृपा प्राप्त करने तथा घर में धन-धान्य,सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए नवरात्रि या शुभ मुहूर्तादि में दुर्गा पाठ (नवचण्डी, शतचण्डी, सहस्रचण्डी अनुष्ठान) किये जाते है। हमारे द्वारा वैदिक विधि से सम्पन्न किये जाता है|
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