ग्रहण दोष शान्ति पूजन जिस जातक की कुंडली में सूर्य या चंद्र के साथ राहू या केतु की दृष्टि हो इस अवस्था को ग्रहण दोष कहते है, सूर्य या चंद्र अगर नीच राशि का हो या फिर नीच ग्रह, अशुभ या पापी ग्रहों से घिरा हुआ हो तो यह भी ग्रहण दोष कहलाता है
ग्रहण दोष होने के कारण जातक को जीवन काल में अनेको समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं माता-पिता को शारीरिक मानसिक कष्ट रहता हैं। उन्नति में अवरोध उत्पन्न करता हैं या यु भी कह सकते हैं जातक की जीवन में ग्रहण लग जाता हैं। इस दोष के निवारण हेतु ग्रहण दोष शान्ति पूजा अवश्य करवानी चाहिए। हमारे द्वारा वैदिक विधि से ग्रहण दोष शांति पूजन सम्पन्न की जाती हैं